हर पल कुछ नया सिखाती है ज़िन्दगी
"गिरने से बड़े होते हैं" सुनते आये हैं हम,
बचपन की तस्सलियों को जवानी की सीख बनती है ज़िन्दगी
अक्सर पलट कर वापस आते देखा है हमने इसे,
कभी हर रिश्ते को बेज़ार, तो कभी अजनबी को यार बनती है ज़िन्दगी
हर पल कुछ नया सिखाती है ज़िन्दगी
तुम सोचोगे के तुमसे खफा है शायद,
फिर दबे पांव किसी कूचे से, बस यूँही, चली आती है ज़िन्दगी
बदलती रहती है नजाने कितने भेस,
के कभी रकीब तो कभी चारसाज़ नज़र आती है ज़िन्दगी
हर पल कुछ नया सिखाती है ज़िन्दगी
कभी रेशमी कालीनों में झलक उठती है,
तो कभी फटी बिवईओं से फूट पड़ती है ज़िन्दगी
सड़क किनारे एक भूखे बच्चे की बिलख में सुनाई देती है,
अब भी कोठों पे बेआबरू, बिकती है ज़िन्दगी
हर पल कुछ नया सिखाती है ज़िन्दगी
कभी सोचा करते थे के खुद भी किसी उधेड़ बुन में लगी है शायद,
पर गौर से देखने पर काफी नपी-तुली नज़र आती है ज़िन्दगी
"गिरने से बड़े होते हैं" सुनते आये हैं हम,
बचपन की तस्सलियों को जवानी की सीख बनती है ज़िन्दगी
अक्सर पलट कर वापस आते देखा है हमने इसे,
कभी हर रिश्ते को बेज़ार, तो कभी अजनबी को यार बनती है ज़िन्दगी
हर पल कुछ नया सिखाती है ज़िन्दगी
तुम सोचोगे के तुमसे खफा है शायद,
फिर दबे पांव किसी कूचे से, बस यूँही, चली आती है ज़िन्दगी
बदलती रहती है नजाने कितने भेस,
के कभी रकीब तो कभी चारसाज़ नज़र आती है ज़िन्दगी
हर पल कुछ नया सिखाती है ज़िन्दगी
कभी रेशमी कालीनों में झलक उठती है,
तो कभी फटी बिवईओं से फूट पड़ती है ज़िन्दगी
सड़क किनारे एक भूखे बच्चे की बिलख में सुनाई देती है,
अब भी कोठों पे बेआबरू, बिकती है ज़िन्दगी
हर पल कुछ नया सिखाती है ज़िन्दगी
कभी सोचा करते थे के खुद भी किसी उधेड़ बुन में लगी है शायद,
पर गौर से देखने पर काफी नपी-तुली नज़र आती है ज़िन्दगी
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