तो क्या रखकर मेरा सर गोद में अपनी, तुम मुझे लोरी सुनाओगे
जो खुद को जानकार तन्हा अगर कमरे में रह न पाउंगी,
एक अल्लहड सी जिद्द करके तुम्हे घर वापिस बुलाऊंगी
तो मुझे बहलाने को क्या तुम, अपनी दुनिया छोड़ आओगे
तो मुझे बहलाने को क्या तुम, अपनी दुनिया छोड़ आओगे
मैं पूछूंगी ढेरों सवाल फिर शायद,
चाहूंगी बांटना तुमसे आवारा हर ख़याल फिर शायद
मेरे टेढ़े सवालों को तवज्जो, क्या तुम दे भी पाओगे
तुम्हारी कीमती चीज़ें कभी गलती से मुझसे टूट जाएँगी
तब क्या गलतियों को मेरी, तुम कह कर नादानी, भूल पाओगे
मैं तुम्हे आज ही बताती हूँ, समय काफी बदल जायेगा,
मेरे चेहरे, मेरी जुबां, और मेरे शरीर पर अपना रंग दिखायेगा,
बस पूछना था तुमसे, क्या उस वक़्त मुझे इसी घर में, इसी बिस्तर पर तुम भी थपथपाओगे ?
wow :)
ReplyDeleteek khayaal ka khayaal rakhiyo ki na likhne ka khayaal kabhi dimaag mein bhi mat laiyo. coz it's amazing.
ReplyDelete:)
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